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ब्लडप्रेशर और हाइपरटेंशन के बारे में पूरी जानकारी

मैं डॉक्टर राहुल पाटिल Consultant Cardiologist Ruby Hall Pune and Director Hridayam Heart Care Clinic and ESMR Center Pune. में आज Blood Pressure अथवा हाइपरटेंशन के बारे में बात करने वाला हु | हाइपरटेंशन ये काफी अनजान जैसी बीमारी है जिसका कोई  डायग्नोसिस भी नहीं होता है और पहली बार पेशेंट उस वक्त में उसको ब्लड प्रेशर के साथ heart attack और Paralysis जैसे symptoms आते  है| तो यह हाइपरटेंशन क्या है इसके बारे में हमें जानना बहुत जरूरी है क्योंकि World Health Organisation रिपोर्ट आया था उसमें ऐसा कहा गया है कि दुनिया में 1/4 पॉपुलेशन जो है ये blood pressure  से पीड़ित है। और इसमें भारत का प्रमाण कुछ अच्छा नहीं है. भारत के पॉपुलेशन में 23 %पुरुष वर्ग में और 22 % महिला वर्ग में 25 उम्र से ज्यादा उम्र के लोगों में लक्षण पाया गया है और इन सब रिपोर्ट में जब हम देखते हैतो उसमें 15% में अनकंट्रोल ब्लडप्रेशर देखा गया है| तो ये ब्लडप्रेशर काफी भयानक और काफी डेंजरस बीमारी है जिसे लॉन्ग टर्म में काफी कॉम्प्लेक्स आ सकते हैं। इसलिए हम इस बीमारी के बारे में आज बात करेंगे|

 हाइपरटेंशन क्या है?

हाइपरटेंशन ये Rise in Blood pressure हैं| आम इंसान का ब्लड प्रेशर जब हम लक्षण गिनते हैं तो ये लक्षण 120 से140 पारा ऐसा कहा जाता है. 2018 के अनुसार अगर कोई भी ब्लड प्रेशर 120 से 130 के बीच में  to ये ब्लड प्रेशर को Elevated Blood Pressure कहा जाता है । और isse आगे Stage 1 and Stage 2 को हम हाइपरटेंशन बोलते है . स्टेज वन मतलब जिसका ब्लड प्रेशर 130 से 140 के बीच में ऊपर वाला और नीचे का ८० और ९० के बिच में है तो उसको बोलते है स्टेज वन हाइपरटेंशन और Stage 2 हाइपरटेंशन मतलब जिसका ब्लड प्रेशर 140 से ज्यादा है और  नीचे का ब्लड प्रेशर 90 जाता है तो इसे Stage 2 हाइपरटेंशन कहते हैं।

 ये ब्लड प्रेशर हमें क्यूं होता है? और इसका क्या क्या कारण है ये हमें जान लेना बहुत जरूरी है?

आजकल बहुत कम उम्र में हमें ब्लडप्रेशर की बीमारी दिखाई देती है। जब भी कोई आईटी प्रोफेशनल या कोई गृहिणी हमारे पास रूटीन चेकअप के लिए आती है तो हम उनका बीपी चेक करते हैं तो 100 में से 15 लोगों में ब्लडप्रेशर बिना कोई लक्षण के ज्यादा दिखाई देता है। अगर हम उसे कहते हैं कि इससे आपको ब्लडप्रेशर है तो वो भी surprise हो जाते हैं। अगर आपको 25 या किसी उम्र में आजकल प्रेशर आता है तो आगे चल के आपको इससे जानलेवा हार्ट का या ब्रेन का प्रॉब्लम हो सकता है। इसलिए हमें इसके कारण ध्यान देना जरुरी है |तो अभी हम जिस तरह से बात कर रहे हैं कि जिस कम उम्र में  आजकल ये blood pressure देखा जाता है

1.आमतौर पर ये कम उम्र में कारण में ही देखा जाता है कि जिसके फैमिली हिस्ट्री स्ट्रॉन्ग है बच्चे के माता पिता में ब्लड प्रेशर है तो उनमें ब्लडप्रेशर की चांसेज ज्यादा है। पर ऐसे लोगों में और लाइफस्टाइल खराब है तो उसमें ज्यादा हो सकता है लाइफस्टाइल में अगर आपके Solid intake मतलब आपका नमक खाने का प्रमाण अगर ज्यादा है तो आपको ब्लड प्रेशर जल्दी हो सकता है.

2.अगर आपके खाने में जो चीजे आप खाते। हाई कैलोरी और फैट फूड कहते हैं जिसमें आप पिज्जा या बर्गर या काफी तेल की चीजे आप ज्यादा पसंद करते हैं ज्यादा हम उसे बोले कि जिस चीज में ज्यादा टेस्ट है कोई भी टेस्टी चीज जब खाने में आई तो उसमें ज्यादातर ऑयल और कोलेस्ट्रॉल ज्यादा होता है तो ऐसी चीजों से ब्लडप्रेशर बढने के चांसेज ज्यादा होते हैं।

3.आजकल  उम्र से कम लोगों ने तनाव का प्रमाण बहोत ज्यादा है स्पेशली आईटी प्रोफेशनल्स में हम देखते हैं कि उनकी ड्यूटी आवर्स  12 12 घंटे होते हैं। सबेरे जल्दी निकलते हैं शाम को देर से आते सो आईटी प्रोफेशन में स्ट्रेस और सोने का अभाव मतलब स्ट्रेस तो ज्यादा ही है। मगर सोने का वक्त भी ठीक नहीं है और जिनको रात को 11 12 बजे सोते और सवेरे जल्दी उठ जाते उनकी नींद पूरी नहीं होता है तो ये जिनका नींद पूरा नहीं होता इन लोगों में भी blood pressure बहुत ज्यादा दिखाई देता है और जिन लोगों में से व्यायाम का प्रमाण कम है और जो व्यायाम करता ही नहीं है  ऐसे लोगों में जिसका cylinderic लाइफस्टाइल है मतलब पूरा दिन ऑफिस में बैठे रहते हैं खाना वक्त में नहीं खाते मानसिक तनाव से मगर शारीरिक stress नहीं है शारीरिक श्रम नहीं। तो ऐसे लोगों में इस lifestyle के वजेसे मोटापा बढ़ता है पर मोटापा बढ़ने से blood pressure की बीमारी ही बढती है वह हमारे मोटापा बढने के साथ इन लोगों में और रात में मुख्यतः लम्बी लम्बी खर्राटे लेने की आदत पड़ती है और इस बीमारी को बोलते हैं sleep apnia सिंड्रोम  sleep apnia सिंड्रोम के लोगों में भी 15 से 20 % लोगों में ब्लडप्रेशर पाया जाता है तो ये सभी ऐसी कुछ  कारण है जिसकी वजह से ब्लडप्रेशर होता है।

अभी बहोत कॉमन कारण जो तरूण लोगों में देखा जाता है। ये है स्मोकिंग हैंड फोम है जो लोग सिगरेट पीते हैं। जो लोग तंबाकू का सेवन करते हैं ऐसे लोगों में भी ब्लडप्रेशर कम उम्र देखा जा सकता है तो ये सारे कारण थे जिससे हमें आगे चलके ट्रीटमेंट करना पड़ता है। तो अगर आपको ब्लडप्रेशर है तो आपको लक्षण क्या आ सकते हैं। तो अगर हम आपको बताएं तो आप आश्चर्य चकित हो जाएँगी की 50% लोगों में कोई लक्षण नहीं फैलता है।

या वो रूटीन चेकअप में जाते हैं तो तब उन्हें मालूम पड़ता है कि आपको ब्लडप्रेशर तो 50 70 लोगों में तो कोई लक्षण भी लगे फिर भी उनको ब्लड प्रेशर नहीं अंदर दीमक की तरह खराब करते जाता है और बीमारियां देते जाता है और पेशेंट को उसके बारे में पता भी नहीं चलता है .तो 50%लोग तो स्पर्शोन्मुख मतलब कोई भी बिना लक्षण रहते हैं फिर भी जो लोगों में लक्षण दिखाई दिए थे वो सामान्य लक्षण ये है कि आपको हेडेक होता है मतलब  सिरदर्द होता रहता है उसके कारण ठंडा पसीना आना चक्कर जैसे होना और बेचैनी महसूस करना या बेचैनी लगते रहना कि हमें कुछ तो गड़बड़ और जल्दी थकान हो जाना आपको रात को नींद ना आना तो ये सारे सिम्पटम्स कुल मिला के आपको blood pressure के लक्षण में ढाल सकते हैं। मगर काफी बार ऐसा देखा जाता है आपको ब्लडप्रेशर है तो ब्लडप्रेशर Asymptomatic मतलब कोई लक्षण नहीं आया और आपका ब्लड प्रेशर धीरे धीरे 2,3,4 सालों में आपको पता ही नहीं चला तब ब्लड प्रेशर ज्यादा है और बहोत  बार पांचवें साल के बाद आपका ब्लड प्रेशर 180 190 हो गया है और फिर भी आपको कोई लक्षण नहीं है तो ऐसे लोगों में suddenaly पैरालिसिस का झटका आ सकता है| या ब्लड प्रेशर जब पहली बार डायग्नोस हुआ तो उसी दिन आपको स्ट्रोक हो गया है या हार्ट अटैक हो गया है तो ऐसे सिम्पटम्स बहुत आमतौर पर दिखाई देते हैं तो ब्लड प्रेशर के बारे में हम इतना जो बात कर रहे है , ब्लड प्रेशर इतना खराब आपके लिए क्यों है तो ये ब्लड प्रेशर क्या क्या करता है शरीर में ब्लड प्रेशर मतलब आपके रक्त वाहिकाएं में से जो खून आपके शरीर में दौड़ाता sare orgon ko जब सप्लाय करता है तो ये ब्लड  वाहिकामेका प्रेशर मतलब blood pressure है ।

जितना हाई ब्लड प्रेशर रहेंगा उतनाही हाई प्रेशर से ब्लड आपके अंग को मिलनेवाली है अगर इतने हाय प्रेशर से ब्लड आहार आपको मिलता है आपके अंग को तो आपके अंग ख़राब हो सकते है उसका आमतोर  पे उलझन रहता है उसको मेडिकल टर्म में अथेरोस्क्लेरोसिस बोलते है मतलब ब्लड प्रेशर की वजेसे आपकी सारी नसे जो ब्लड लेके जातीहै उसपे मोटापा होना कोलेस्ट्रॉल जमा होना और ओ मोटा होने के बाद कठोर हो जाती है और उसकी एलास्टिसिटी काम हो जाती है तो इसको बोलते है अथेरोस्क्लेरोसिस .ये अथेरोस्क्लेरोसिस ही हे जिसके वेजसे पहिला लक्षण हाइपरटेंशन का जो आता है उसे परैलिसिस बोलते है स्ट्रोक बोलते है .स्ट्रोक  २ तराके होते है जिसका ब्लड प्रेशर ज्यादा होने से मतलब २२० के ऊपर चला जाये तो अचानक ब्रेन की कोई नस फट जाती है और पेशंट के दिमाग में रक्तश्राव हो जाता है और उसकी वजेसे  पेशंट बेहोश होके उसे पक्षाघात हो जाता है . ब्लड प्रेशर ज्यादा नहीं हो खून कि गाठ होक ब्रेन में जाके ओ कहिपे रक्तश्राव कम करदे तो इसमे  पेशंट के किसी भाग में रक्तश्राव बंद होजाये तो उसको Ischemic स्ट्रोक कहते है और इसकी वजसे आपके ब्रेन  में पैरालिसिस का प्रेजेंटेशन आ सकता है तो ये सामान्य प्रेजेंटेशन है| दूसरा जो प्रॉब्लम हाइपरटेंशन के साथ देखा जा सकता है ओ हार्ट अटैक . ब्लड प्रेशर मोटा होक व्हापे कोलेस्ट्रॉल जमा होता है तो हाइपरटेंशन बहोत सामन्य कारण है जिसकी वजसे नसों में कोलेस्ट्रॉल जमा होता है और उसकी वजसे हार्ट अटैक सम्भवना बढ़ जाती है और ओ हार्ट अटैक सम्भवना किसी एक पेशंट में हम हिसाब करे तो उसकी  सम्भवना सामन्य व्यक्ति से १५% बढ़ जाती है और उसका सिर्फ एकहि कारण है राइज इन ब्लड प्रेशर .अगर किसी पेशंट में ये ब्लड  प्रेशर काफी उनकंट्रोलड रहा तो उसकी दोनों किडनी ख़राब हो सकती है . और उसके साथ कुछ लोगो में आँखों में प्रॉब्लम हो सकती है उसको रेटिनोपैथी कहते है और उसकी वजेसे आपकी आंखे भी जा सकती है .अभी ब्लड प्रेशर के बारे इतना सब जाने के बाद की ये किस वैजेसे होता है उसका कारण क्या है उसके प्रेप्रेजेंटेशन क्या है .ये सब जाने के बाद अगर आपको बताया जाये की ये ब्लड प्रेशर का निदान कैसे होता है तो आप किसी भी डॉक्टर के पास जाओ ओ आपका ब्लड प्रेशर गिनके देगा.अपनी पढ़ाई करते पहले दूसरे साल में ही उनको ब्लडप्रेशर कैसे गिना जाता है तो सिखाया जाता है फिर में मैं आपके लिए बताऊंगा कि ब्लड प्रेशर कैसे होंगे।ब्लड प्रेशर गिनने के लिए अगर आपको किसी हॉस्पिटल में जाना है और आपको डर लग रहा है तो फिर आपका ब्लड प्रेशर बढ़के आता है तो उस ब्लड प्रेशर को हम बोलते है सफेद कोट उच्च रक्तचाप फिर भी आप डॉक्टर के पास गए हे, तो आपको १ घंटा पहले चाय और कॉफी नहीं पिणि है जानेके बाद १० मिनिट शांति से बैठना है उसके बाद ये ब्लड प्रेशर बैठके चेक करना है आपको टेबल पे लेटना नहीं है

R3S meet at Sheraton Grand PUNE.

R3S meet at Sheraton Grand PUNE.
Dr Vaishali Deshmukh Diabetologist
Dr Suhas Erande Diabetologist
Dr Rahul Patil Cardiologist

On Rising Diabetes and Heart Disease: new trend in management

Audience: All Physicians of PUNE

Dr Rahul Patil conducts angioplasty through complex radial approach

Setting new paradigms
Dr. Rahul Patil conducts angioplasty through a complex radial approach…
Sixty-five-year-old Jawarilal Mutha came to Hridayam Heart Care Clinic with complaints of breathlessness and chest pain. Weighing 130 kg he had high blood pressure and the heart rate was fast and irregular. As a consequence, several doctors refused to operate upon him. Dr. Rahul Patil performed a successful angioplasty on Mutha through a radical approach at the Ruby Hall Clinic, with Dr. C N Makhale and cardiac anesthetists assisting him. In India, only two to three percent of angioplasty surgeries have been performed through the radial approach.

It is predicted by experts in the field that this radial approach of angioplasty will be used widely in the near future. After a routine check-up at Nasik, angiography from the right thigh/groin of Jawarilal Mutha was conducted. This angiography did not do much good to him and soon, there was a need for angioplasty. Considering his overweight and critical blockages in his main vessels, performing angioplasty was very risky. Dr. Patil, who advised Mutha to go for angioplasty through the radial approach. The angioplasty was then successfully performed on him with a medicated long stent. The process lasted only for 30 minutes and Mutha came out walking happily.

The radial approach of angioplasty has a number of advantages over the femoral one. Not only the blood loss is minimal, but time for actual surgery and recovery is comparative Quite low. Also, another important factor is that the cost is equivalent to the other method of angioplasty. The radial approach is not just beneficial to obese patients but to all in need of angioplasty. As performing this type of angioplasty is relatively difficult and thus most of the doctors prefer the femoral approach over the radial one. A consultant interventional cardiologist with a fellowship in Interventional Cardiology from the Netherlands, Dr. Rahul Patil has recently received the ‘Best Challenging Case Award at Washington and has been practicing at Ruby Hall Clinic and the Noble Hospital since 2006.

CONFLUENCE SUMMIT by Sanofi arranged at PCMC

Dr. Rahul Raosaheb Patil is an accomplished Interventional Cardiologist in Pune, practicing since 2006. He is Director, Interventional Cardiology, at Hridayam Heart Care Clinic in Pune, and has also served as a Consultant Cardiologist at Ruby Hall Clinic since 2006. In addition, Dr. Patil teaches at BJ Medical College & Sassoon General Hospital, in the capacity of Assistant Professor.

As an Interventional Cardiologist, Dr. Rahul Patil’s main clinical focus areas are Complex Coronary Angiography, Chronic Total Occlusions, Percutaneous Aortic Valve Replacement, Cardiovascular Disease, Mitral Valvuloplasty and Coronary Artery Disease.

CONFLUENCE SUMMIT by Sanofi arranged at PCMC
TOPIC: Diabetic Hypertension: Evidence-based approach

Speaker: Dr. RAHUL Patil
Cardiologist
Dr. Vaishali Deshmukh
Endocrinologist
Dr. RAVINDRA Sethia
Senior physician

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